वर्मीकम्‍पोस्‍ट (जैविक खाद) उत्‍पादन के लिए आवश्‍यक जानकारी जो आपको कहीं नहीं मिलेगी, जरूर पढ़े

वर्मीकम्‍पोस्‍ट (जैविक खाद) उत्‍पादन के लिए आवश्‍यक जानकारी जो आपको कहीं नहीं मिलेगी, जरूर पढ़े
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Kisaan Helpline

Fertilizer Sep 24, 2019

हम सब जानते है की वर्मीकम्पोस्ट (जैविक खाद) बनाने के लिए केंचुओ की अहम भूमिका होती है, बिना किसी परेशानी और नासमझी के कोई दुष्प्रभाव न पड़े इसके लिए ये जानकारी आप सबसे साझा की जा रही है , जाने किस तरह केचुओं को लेकर आपको निम्न बातो को ध्यान रखना होता है। 

केंचुओं का सही चुनाव – एपीजीक या सतह पर निर्वाह करने वाले वो केंचुए जो देखा जाये तो पहचान के आधार पर भूरे लाल रंग के एवं एवं बाकि केचुओं की अपेक्षा आकर में छोटे होते है, और ये केंचुए ज्यादा मात्रा में कार्बनिक पदार्थों को विघटित भी करते है।

नमी की पर्याप्त मात्रा – केंचुओं की ज्यादा बढ़वार एवं त्‍वरित अवधि में प्रजनन के लिए 30 से 35 प्रतिशत तक की नमी होना जरुरी होता है।

वायु का प्रभाव – केंचुओं की अच्‍छी बढ़वार के‍ लिए जरुरी है की उचित वायु के लिए स्थान और कम्पोस्ट बनाने के गड्ढे की गहराई ज्‍यादा नहीं होनी चाहिए, यह काफी प्रभाव डालते है।

अंधेरा – केंचुए सामान्य रूप से अंधेरे में ज्यादा रहना पसंद करते हैं, तो इसके लिए केचुओं के गड्ढों के ऊपर बोरी अथवा छप्‍पर युक्‍त छाया की व्‍यवस्‍था होना जरुरी है ताकि उनके जीवन काल पर इसका प्रभाव न पड़े।

केंचुओं में प्रजनन के लिए ध्यान योग्य बातें –

इसके लिए उपयुक्‍त तापमान के अतिरिक्त, नमी खाद्य पदार्थ होने पर ज्यादातर केंचुए 4 सप्‍ताह के लगभग वयस्‍क अवस्था में होकर प्रजनन करने के लायक बन जाते है। 
देखा जाये तो व्‍यस्‍क केंचुआ प्रतिमाह के हिसाब से एक सप्‍ताह में 2-3 कोकून देने लगता है एवं एक कोकून में लगभग 3-4 अण्‍डे होते हैं। इस प्रकार एक प्रजनक केंचुए से प्रथम 6 माह में ही लगभग 250 केंचुए पैदा होते है।

वर्मीकम्‍पोस्‍ट के लिए केंचुए की मुख्‍य किस्‍में-

आइसीनिया फोटिडा

यूड्रिलस यूजीनिया

पेरियोनेक्‍स एक्‍जकेटस

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