प्रोफेसर (डॉ) एसके सिंह
एसोसिएट डायरेक्टर रीसर्च एवम
प्रधान अन्वेषक ,अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (फल)
डॉ. राजेंद्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय
पूसा-848 125 , समस्तीपुर, बिहार
लगातार विगत कई वर्षो से देखा जा रहा है की मिली बग कीट, आम में मंजर के आते ही उस पर आक्रमण कर देता है, जिससे मंजर में ठीक से टिकोले भी नही लग पाते है। बिहार की कृषि जलवायु में यह कीट सबसे बड़ी समस्या के तौर पर उभर कर आ रहा है। जब हम इस कीट को आसानी से प्रबंधित कर सकते है उस समय ध्यान नही देते है ,जब यह कीट आम के पेड़ों पर चढ़ जाता है, उस समय इसका प्रबंधन बहुत ही मुश्किल हो जाता है एवं आम उत्पादक किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। यदि आप चाहते है की मंजर आने के बाद इस कीट से कम से कम नुकसान हो तो इस कीट को दिसंबर के महीने में अवश्य प्रबंधित करें। इस समय आम की फसल में मिलीबग कीट का प्रकोप को आसानी से प्रबंधित किया जा सकता है, अगर समय रहते इसपर ध्यान न दिया जाए तो उत्पादन पर भी असर पड़ता है।


मिलीबग के नियंत्रण हेतु "प्रति पेड़ दो मिली डाई मिथाइल 20 ईसी का प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर, इसको आम की टहनियों पर छिड़काव करने से पेड़ पर चढ़ गए कीटो की संख्या में भारी कमी आती है। लेकिन रसायनिक नियंत्रण करते समय कुछ बातों का ध्यान भी रखना चाहिए, जैसे कि इससे मित्र कीटों को भी नुकसान होता है। इसलिए ध्यान देना चाहिए की मित्र कीटों को नुकसान न होने पाए, सुबह के समय मित्र कीट ज्यादा सक्रिय रहते हैं, इसलिए शाम के समय कीटनाशकों का छिड़काव करना चाहिए। ये कीट आम की फसल को पचास प्रतिशत से लेकर शत प्रतिशत तक नुकसान पहुंचा सकते है, ये दिसम्बर महीने से लेकर मई महीने तक आम के फसल में देखा जाता है। इस कीट के निम्फ और वयस्क मादा दोनों ही फसलों को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं, फल वृंतो, फूल, फल और मुलायम टहनियों के रस को चूसकर आम के फसल को ये नुकसान पहुंचाते हैं, इसका समय से प्रबंधन कर फसल को बचाया जाता है। इसके लिए यांत्रिक, जैविक और रसायनिक प्रबंधन कर कीट से फसल को बचाया जा सकता है। आम के बाग में इस कीट के प्रकोप को रोकने के लिए पहले से सावधानी रखकर इस कीट से बचा जा सकता है। बाग-बगीचों की सफाई रखी जाए। गर्मियों में बागों की अच्छी जुताई करके छोड़ देना चाहिए ताकि इस कीट की मादा और अंडे चिड़ियों और तेज धूप से नष्ट हो जाए। दिसंबर के महीने में पेड़ के मुख्य तने पर जमीन से एक से लेकर डेढ़ फ़ीट की ऊंचाई पर 30 सेमी चौड़ी पॉलिथीन को पेड़ के चारों तरफ लपेटकर उसमे ग्रीस लगा दे तो इसका निम्फ मिट्टी से पेंड पर नहीं चढ़ पायेगा। मिली बग कीट के रोकथाम के लिए पेड़ के चारों मिट्टी की गुड़ाई करके, इसमें 250 ग्राम क्लोरपाइरीफोस धूल प्रति पेड़ मिला दें। यह काम दिसम्बर महीने के अंत तक या जनवरी महीने के पहले हफ्ते तक हर हालत में कर लें, ऐसा करने से इस कीट की उग्रता में भारी कमी आती है, अन्यथा यदि एक बार यह कीट पेड़ पर चढ़ गया तो इसका प्रबंधन बहुत मुश्किल हो जाता है। यदि यह कीट पेड़ पर चढ़ गया हो तो डाईमेथोएट 30 EC 2 मिली/लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करके इस कीट को प्रबंधित कर सकते हैं, यह उतना कारगर नहीं है।