Fig Farming : अंजीर एक पेड़ का फल है जो पकने पर गिर जाता है। लोग पके हुए फल खाते हैं। इसका सूखा फल बिकता है। देश में इसकी खेती राजस्थान, हरियाणा, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र में की जाती है। यह मुख्य रूप से गुजरात और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के कुछ हिस्सों में किया जाता है।
अंजीर को बहुत ही लोकप्रिय फल माना जाता है। इसे ताजा और सूखा दोनों ही रूप में खाया जाता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह एक लाभकारी फल है। अजोर की खेती हमारे देश के किसानों के लिए बहुत उपयोगी साबित हो रही है। इसका फल अन्य फलों की तुलना में अधिक मूल्यवान होता है। किसान भाई इसकी खेती करके अच्छी कमाई कर सकते हैं। अंजीर का सेवन सेहत के लिए फायदेमंद होता है। इसके सेवन से स्तन कैंसर, सर्दी, अस्थमा, मधुमेह और अपच जैसी बीमारियाँ ठीक हो जाती हैं, क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है। महिलाओं द्वारा अंजीर के सेवन से हार्मोनल समस्याएं दूर हो जाती हैं। इसके अलावा अंजीर के सेवन से वजन भी कम किया जा सकता है।
मधुमेह के साथ हृदय रोग के रोगियों के लिए भी अंजीर बहुत उपयोगी है। कच्चे और सूखे अंजीर दोनों ही प्रोटीन, फाइबर, स्वस्थ वसा, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन और कॉपर से भरपूर होते हैं।
अंजीर के लिए जलवायु और मिट्टी
अंजीर की खेती के लिए समशीतोष्ण एवं शुष्क जलवायु की आवश्यकता होती है। फलों के अच्छे विकास के लिए शुष्क जलवायु बहुत उपयोगी मानी जाती है। इसकी फसल पर पाले का अधिक प्रभाव नहीं पड़ता है. अंजीर की खेती लगभग सभी प्रकार की भूमि में की जा सकती है। इसकी खेती के लिए दोमट और मटियार दोमट मिट्टी सर्वोत्तम मानी जाती है। भूमि में जल निकास की उचित व्यवस्था होनी चाहिए।
अंजीर की उन्नत किस्में
अंजीर की उन्नत किस्मों में सिमराना, डायना, कालीमिरना, कडोता, काबुल, मार्सेली और व्हाइट सैन पेट्रो बहुत लोकप्रिय हैं। इसके अलावा, पूना अंजीर (एड्रियाटिक), जो महाराष्ट्र के पुणे क्षेत्र में उगाया जाता है, भी एक बहुत लोकप्रिय किस्म है।
रोपण एवं विधि
अंजीर की रोपाई के लिए खेत तैयार किया जाता है. गड्ढा तैयार करने के लिए उसमें मिट्टी और सड़ी हुई गोबर की खाद बराबर मात्रा में मिलानी चाहिए. इसके बाद खोदे गए गड्ढे को भी गोमूत्र से उपचारित करना चाहिए। पौधे को गड्ढे में लगाना चाहिए. अंजीर के पौधे लगाने का सबसे अच्छा समय जुलाई से अगस्त के बीच है।
अंजीर के पौधे लगाने के तरीके
अंजीर को वर्गाकार, आयताकार और षट्कोणीय तरीके से लगाया जाता है। इसके एक हेक्टेयर में लगभग 250 पौधे लगाए जा सकते हैं और एक पौधे पर लगभग 10 किलो फल लगते हैं।
खरपतवार नियंत्रण
अंजीर के पौधों को अच्छे से विकास करने के लिए खरपतवार नियंत्रण आवश्यक है. खरपतवार नियंत्रण प्राकृतिक विधि से निराई-गुड़ाई करके करना चाहिए। इसलिए जब भी अंजीर के बगीचे में खरपतवार दिखाई दें तो निराई-गुड़ाई करके खरपतवार को नष्ट कर दें।
सिंचाई
अंजीर की खेती में ज्यादा सिंचाई की जरूरत नहीं होती. लेकिन गर्मी के मौसम में अंजीर के पौधों को पानी की अधिक आवश्यकता होती है. इसलिए गर्मियों में अधिक सिंचाई की आवश्यकता होती है. वहीं सर्दी के मौसम में पौधों को 15 से 20 दिन के अंतराल पर सिंचाई की जरूरत होती है. वर्षा ऋतु में आवश्यकतानुसार पौधों की सिंचाई करनी चाहिए।
उपज और लाभ
अंजीर की पैदावार इसकी किस्मों पर निर्भर करती है। एक हेक्टेयर खेत में लगभग 250 अंजीर के पौधे लगाए जा सकते हैं। इसके एक पौधे से लगभग 20 किलोग्राम अंजीर के फल प्राप्त होते हैं। बाजार में अंजीर की कीमत 500 रुपये से लेकर 800 रुपये प्रति किलो तक है। इस हिसाब से एक हेक्टेयर खेत में अंजीर की खेती से 30 लाख रुपये तक की कमाई हो सकती है।