भारत एक कृषि प्रधान देश है। 50 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या के लिये कृषि जीविकोपार्जन का स्रोत है। जैसे-जैसे औद्योगीकरण बढ़ रहा है, वैसे-वैसे कृषि उत्पादन तकनीकियों के विकास की आवश्यकता बढ़ती जा रही है। ग्रीन हाउस कृषि श्रेष्ठ आधुनिक कृषि तकनीक के रूप में आई है। जिसके प्रयोग से उन जगहों पर भी फसलों का उत्पादन संभव हुआ जहाँ पहले संभव न था। ग्रीन हाउस कृषि से फसलों की उत्पादकता एवं गुणवत्ता बढ़ी है।
यंत्रित तापमान में सब्जियां, फल उगाने व पौध तैयार करने का प्रचलन और आधुनिक तरीके से खेती कर दूसरे किसानों को हैरान कर रहे हैं। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि पॉली हाउस या ग्रीन हाउस में सब्जियां तैयार करने का सबसे बड़ा लाभ यह कि उत्पाद साफ सुधरा रहता है, क्योंकि बाहर से धूल मिट्टी पॉलिहाउस, ग्रीन हाउस के अंदर नही आ पाती। वहीं कीट का भी हमला कम रहता है। पैदावार भी ज्यादा मिलती है। उत्पाद नरम वे देखने में भी बेहतर लगता है जोकि बाजार में अच्छे दाम दिलाता है।
सबसे बड़ी बात यह कि नियंत्रित तापमान होने से विपरीत मौसम में भी सब्जियां, फल, फूलों की पैदावार ली जा सकती है। यही कारण है कि किसान छोटे छोटे ग्रीन हाउस स्थापित कराने में आगे आ रहे हैं। पाॅली हाऊस या ग्रीन हाउस बनाने में मोटा खर्च होता है, लेकिन सरकार भी किसानों को 50 फीसद की सब्सिडी उपलब्ध कराती है। ऐसे में ग्रामीण युवा आगे आ रहे हैं व खेती का नया माडल स्थापित कर अन्य किसानों का ध्यान खींच रहे हैं।