फसलों में होने वाला रोग गलन (सड़न) व कॉलर सड़न के बचाव हेतू जैविक तरीका

फसलों में होने वाला रोग गलन (सड़न) व कॉलर सड़न के बचाव हेतू जैविक तरीका
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Kisaan Helpline

Agriculture Mar 19, 2021

फसलों में ग्लानि व जड़ सड़न विशेषकर कपास, अरहर, सोयाबीन, मटर, चना, अलसी आदि फसलों के साथ साथ कुछ सब्जियों एवं फूलों के पौधों में पाया जाता है।

रोग से बचाव के तरीके -

- फसलों में गलन व कॉलर सड़न के बचाव के उपाय में गर्मी के दिनों में हल या कल्टीवेटर से अच्छी तरह जुताई करें।
- हरी खाद (ग्रीन मेन्युअरिंग) का प्रयोग करें।
- कम्पोस्ट के साथ में 4 कि.ग्रा. ट्रायकोडर्मा/हेक्टेयर मिला कर खेत में अच्छी तरह भुरकाव करें।
- बीज उपचार हेतु गाय के गोबर के साथ ट्रायकोडर्मा 4 ग्राम प्रति कि.ग्रा. बीज को उपचार करें।
- फसल चक्र को अपनायें अंतरवर्तीय फसल व अरहर-तुअर के साथ ज्वार,चने के साथ मेथी, सोयाबीन व मक्का लगाना लाभप्रद रहता है।
- इन बीमारियों के प्रति निरोधक जातियों की काश्त करें।
- नर्सरी लगाने के लिए सौर ऊर्जा धुप तापित मिट्टी में ट्रायकोडर्मा मिलाकर उपचारित करने पर गलन रोग से बचाव कर सकते हैं।

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