प्राचीन इतिहास की जीवन शैली आपको दीर्घायु और निरोगी बनाती है, तो आइये आज हम आपको बताते है, कुछ ऐसे ही रोचक तथ्य - आपको यह जानकर आश्चर्य होगा, कि हमारे देश में 2000 से अधिक वनस्पतियों की पत्तियों से तैयार किये जाने वाले, पत्तलों और उनसे होने वाले लाभों के विषय में पारम्परिक चिकित्सकीय ज्ञान उपलब्ध है, पर मुश्किल से पाँच प्रकार की वनस्पतियों का प्रयोग हम अपनी दिनचर्या मे करते हैं। पत्तल यानि पत्तों से बनी हुई प्लेट जिस पर आप खाना खा सकते हैं। पुराने समय से ही मंगल कार्यो और विवाह आदि में पत्तल में खाना खाने व खिलाने की परंपरा चली आती रही है, पर अब वक्त के साथ-साथ यह चलन कम हो गया। पत्तल पर खाना न केवल सुविधा की दृष्टि से लाभप्रद है, बल्कि सेहत के लिए भी फयदेमंद है। आम तौर पर केले की पत्तियो में खाना परोसा जाता है। प्राचीन ग्रंथों में केले की पत्तियों पर परोसे गये भोजन को, स्वास्थ्य के लिये लाभदायक बताया गया है।
1. पलाश के पत्तल में भोजन करने से, स्वर्ण के बर्तन में भोजन करने का पुण्य व आरोग्य मिलता है। पलाश के पत्तों की थाली पत्तलों में खाना खाने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। कृमि, कफ, खांसी, अपच व पेट संबंधी व रक्त संबंधी अन्य बीमारियां होने की संभावना कम होती है।
2. बेहतर सेहत और उससे जुड़े कई फायदों के लिए केले के पत्ते पर भोजन करना लाभकारी माना जाता है, यही कारण है कि दक्षिण भारत में आज भी ज्यादातर स्थानों पर केले के पत्ते पर खाना परोसा जाता है। केले के पत्तल में भोजन करने से, चांदी के बर्तन में भोजन करने का पुण्य व आरोग्य मिलता है।
3. रक्त की अशुद्धता के कारण होने वाली बीमारियों के लिये, पलाश से तैयार पत्तल को उपयोगी माना जाता है। पाचन तंत्र सम्बन्धी रोगों के लिये भी, इसका उपयोग होता है। आम तौर पर लाल फूलों वाले पलाश को हम जानते हैं, पर सफेद फूलों वाला पलाश भी उपलब्ध है। इस दुर्लभ पलाश से तैयार पत्तल को बवासीर (पाइल्स) के रोगियों के लिये उपयोगी माना जाता है।
4. जोडों के दर्द के लिये, करंज की पत्तियों से तैयार पत्तल उपयोगी माना जाता है। पुरानी पत्तियों को नयी पत्तियों की तुलना मे अधिक उपयोगी माना जाता है।
5. पत्तल पर खाना, लकवा, बवासीर एवं पाचन संबंधी रोगों से बचाने में सहायक है एवं इस समस्याओं में काफी लाभदायक भी। इसके अलावा जोड़ों के दर्द की समस्या भी इससे कम होती है।
6. पत्तल पर खाना खाने से आपको भोजन के साथ ही संबंधित वृक्षों के औषधीय गुण भी प्राप्त होते हैं और मानसिक शांति भी प्राप्त होती है।
इसके अन्य लाभ -
1. पत्तल पर खाने की आदत न केवल पैसों की बचत करेगी, बल्कि पानी भी बचाएगी क्योंकि आपको इसे धोने की जरूररत नहीं होगी और इन्हें जमीन में डालकर खाद बनाई जा सकती है!
2. न केमिकल उपयोग करने पड़ेंगे।
3. न केमिकल द्वारा शरीर को आंतरिक हानि पहुंचेगी।
4. अधिक से अधिक वृक्ष उगाये जायेंगे, जिससे कि अधिक ऑक्सीजन भी मिलेगी।
5. प्रदूषण भी घटेगा।
6. सबसे महत्वपूर्ण झूठे पत्तलों को एक जगह गाड़ने पर, खाद का निर्माण किया जा सकता है एवं मिटटी की उपजाऊ क्षमता को भी बढ़ाया जा सकता है।
7. पत्तल बनाए वालों को भी रोजगार प्राप्त होगा।
8. सबसे मुख्य लाभ, आप नदियों को दूषित होने से बहुत बड़े स्तर पर बचा सकते हैं, जैसे कि आप जानते ही हैं, कि जो पानी आप बर्तन धोने में उपयोग कर रहे हो, वो केमिकल वाला पानी, पहले नाले में जायेगा, फिर आगे जाकर नदियों में ही छोड़ दिया जायेगा, जो जल प्रदूषण में आपको सहयोगी बनाता है।