देखा गया है की कृषि यंत्रों में सब्सिडी पाने के लिए किसानों को बाबुओं के दफ्तर के चक्कर लगाने पड़ते है, कई बार तो सब्सिडी मिल भी जाती है लेकिन बहुत बार नहीं मिल पाती है, इस विषय में उत्तराखंड की त्रिवेंद्र रावत सरकार ने इस बार ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था की है, इसका मतलब यह है कि किसानों को कृषि यंत्रों की खरीद पर छूट प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन ही करना होगा। भ्रष्टाचारी और अधिकारियों की मनमानी पर रोक लगाई जा सकें इसके लिए उत्तराखंड सरकार ने ऐसा किया है। साथ ही इस योजना में पारदर्शिता भी लाई जा सकें। पिछली बार किसानों को कार्यलय के चक्कर काटने पड़ते थे लेकिन इस बार किसानों को काफी ज्यादा राहत मिलने की उम्मीद है।
मांगे गए ऑनलाइन आवेदन
इस वर्ष कृषि विभाग उत्तराखंड ने योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे है. जो कि चुनावी आचार संहिता के हट जाने के बाद ऑनलाइन पोर्टल पर आसानी से भरे जा सकते है। लेकिन समस्या ये है की फिलहाल पोर्टल पर किस ब्लॉक में कितने यंत्रों पर छूट मिलेगी इसे लोड नहीं किया जा सका है, इसके अलावा यदि कोई भी किसान कृषि यंत्रों पर छूट पाना चाहता है तो वह ठीक से आवेदन करने के बाद ही इन यंत्रों को खरीदेगा। प्रक्रिया पूरी करने के लिए कृषि विभाग के अधिकारी कृषि यंत्र का सत्यापन का कार्य करेंगे और उसका जायजा लेंगे कृषि यंत्र और किसान का फोटो अपलोड किया जाएगा जिसके बाद किसान को सब्सिडी का रूपया मिलेगा।
तीन तरह से ले सकते हैं सब्सिडी
इसके अलावा अगर किसी किसान द्वारा कृषि यंत्र का पूरा रुपया भुगतान कर दिया गया है, तो वह सब्सिडी का पैसा अपने खाते में ले सकता है। वहीं यदि दुकानदार को देना चाहता है, तो एक लिखित प्रार्थना पत्र देना होगा। इसके बाद दुकानदार के खाते में सब्सिडी का भुगतान किया जा सकता है। इसके अलावा किसान और दुकानदार अगर चाहता है की सब्सिडी का पैसा कृषि यंत्र निर्माता कंपनी के खाते में भेजा जाये, तो ऐसा भी किया जा सकता है।
इन यंत्रों पर मिल रही है छूट
किसानों को रोटावेटर, जल पंप, ट्रैक्टर, हैरो, पंप सेट, मैनुअल स्प्रैयर, पावर स्प्रैयर आदि कृषि यंत्रों पर 40 से 50 प्रतिशत की अलग-अलग छूट दी जा रही है। किसान कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर आवेदन कर सकता है।