जैविक खेती के लिए सरकारी योजनाओं से लाभ

जैविक खेती के लिए सरकारी योजनाओं से लाभ
News Banner Image

Kisaan Helpline

Agriculture Jun 08, 2019

1. जैविक खेती  राष्ट्रीय परियोजना (NPOF)
2. राष्ट्रीय बागवानी मिशन (NHM),
3. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की जैविक खेती पर नेटवर्क परियोजना (ICAR)

जैविक खेती राष्ट्रीय परियोजना

जैविक खेती पर राष्ट्रीय परियोजना के तहत ऑर्गेनिक/ बायोलोजिकल निविष्टियों के लिए वाणिज्यिक उत्पादन इकाइयों हेतु पूंजी निवेश सब्सिडी योजना शुरू की गई है. यह योजना नाबार्ड या राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के सहयोग से कृषि एवं सहकारिता विभाग द्वारा राष्ट्रीय जैविक खेती केन्द्र (एनसीओएफ़) के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही है. 
 
यह योजना वर्ष 2004-05 से लागू है. 

योजना के उद्देश्य 
 
1. जैव उर्वरकों, जैव कीटनाशकों और फल एवं सब्जी बाजार अपशिष्ट खाद जैसे ऑर्गेनिक निविष्टियों को उपलब्ध कराके देश में जैविक खेती को बढ़ावा देना और इस तरह के उत्पाद के लिए बेहतर प्रतिफल सृजित करना.   
2. मृदा स्वास्थ्य और पर्यावरण सुरक्षा को बनाए रखते हुए कृषि उत्पादकता बढ़ाना.  
3. देश में जैव उर्वरकों, जैव कीटनाशकों और कम्पोस्ट की उपलब्धता बढ़ाकर और गुणवत्ता में सुधार के द्वारा रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों पर कुल निर्भरता कम करना 
4. जैविक कचरे को पौधा पोषक तत्व संसाधनों में परिवर्तित करना 
5. जैविक कचरे के उचित रूपांतरण और उपयोग से प्रदूषण और पर्यावरण के क्षरण को रोकना 
 
योजना से किसे लाभ मिल सकता है?
 
1. जैव उर्वरक और जैव कीटनाशक उत्पादन इकाइयां 
2. फल एवं सब्जी अपशिष्ट खाद इकाइयां 
3. व्यक्ति, किसानों / उत्पादकों के समूह, स्वामित्व और साझेदारी फर्म, सहकारिता, उर्वरक उद्योग
4. कंपनियां, निगम
5. गैर सरकारी संगठन (एनजीओ)
6. कृषि उत्पादन बाजार समितियां (एपीएमसी) 
7. नगर पालिकाएं 
8. निजी उद्यमी 

राष्ट्रीय बागवानी मिशन

भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय बागवानी मिशन की शुरुआत वर्ष 2005-06 (दसवीं योजना) के दौरान केन्द्र प्रायोजित योजना के रूप में की गई है। इस योजना का उद्देश्य भारत में बागवानी क्षेत्र का व्यापक वृद्घि करने के साथ-साथ बागवानी उत्पादन में वृद्घि करना है। 11 वीं योजना के दौरात भारत सरकार की सहायता का अंश 85 प्रतिशत तथा राज्य सरकारों का अंशदान 15 प्रतिशत होगा।

उत्तर पूर्व के आठ राज्यों को छोड़कर (सिक्किम, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड समेत) सभी राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेशों को इस मिशन के अंतर्गत लाया गया है। उपरोक्त छूटे हुए सभी राज्यों को “उत्तर-पूर्व राज्यों में उद्यान विज्ञान के एकीकृत विकास हेतु तकनीकी मिशन” नामक अभियान के तहत लाया गया है।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की जैविक खेती पर नेटवर्क परियोजना

मृदा जैव विविधता पर ऑल इंडिया नेटवर्क परियोजना जैव-उर्वरक पर अनुसंधान एवं विकास के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा कार्यान्वित की जाती है। आईसीएआर ने विभिन्न प्रकार की जैविक खादों को तैयार करने के लिए प्रौद्योगिकियां विकसित की हैं जैसे कि फॉस्फोकम्पोस्ट, वर्मीकम्पोस्ट, नगरपालिका ठोस अपशिष्ट खाद, आदि। जैव उर्वरक के लिए विशिष्ट जैव फसलों के लिए विशिष्ट और मिट्टी के प्रकार के उन्नत और कुशल उपभेदों को जैव उर्वरक पर नेटवर्क परियोजना द्वारा विकसित किया जा रहा है।
वित्तीय सहायता महाराष्ट्र सहित राज्यों से प्राप्त परियोजना प्रस्तावों के आधार पर प्रदान की जाती है। इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च (ICAR) ने नेटवर्क प्रोजेक्ट के तहत ऑर्गेनिक फ़ार्मिंग पर, प्रोजेक्ट डायरेक्टरेट फ़ॉर फ़ार्मिंग सिस्टम रिसर्च मोदीपुरम में लीड सेंटर के साथ, विभिन्न कृषि-पारिस्थितिक क्षेत्रों में जैविक खेती के तहत विभिन्न फसलों और फसल प्रणाली की प्रथाओं का एक पैकेज विकसित कर रहा है।
यह नोट करना महत्वपूर्ण है कि भारत ने कुल मात्रा का कृषि-जैविक उत्पाद 160276.95 मीट्रिक टन और निर्यात 2012-13 में लगभग 1515.81 करोड़ रुपये था।

Agriculture Magazines

Smart farming and agriculture app for farmers is an innovative platform that connects farmers and rural communities across the country.

© All Copyright 2024 by Kisaan Helpline