अल नीनो की वजह से, इस साल मानसून में बारिश कम होने का अनुमान

अल नीनो की वजह से, इस साल मानसून में बारिश कम होने का अनुमान
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Kisaan Helpline

Agriculture Apr 04, 2019

नई दिल्ली। निजी पूर्वानुमान लगाने वाली कंपनी स्काईमेट ने दावा किया है कि इस साल मानसून की बारिश सामान्य से कम हो सकती है। उन्होंने कहा कि जून-सितंबर में प्रशांत महासागर में अल नीनो के कारण मानसून सामान्य से नीचे रह सकता है।

मौसम की जानकारी देने वाली कंपनी स्काईमेट ने बुधवार को कहा कि मानसून का 90-95 प्रतिशत लंबी अवधि के औसत (एलपीए) के मुकाबले मानसून के 90-95 फीसद रहने का अनुमान है। स्काईमेट ने कहा है कि अल नीनो के कारण मानसून सामान्य से नीचे रह सकता है। वहीं, सामान्य से कम बारिश (सिर्फ 55 प्रतिशत) होने की संभावना है।

जून से सितंबर तक 4 महीने से लेकर 93% बारिश होने का अनुमान है। जबकि मई-जुलाई में 66 प्रतिशत अलनीनो होने की संभावना है। जुलाई में 55% और जून में 75% सामान्य से कम होगा। एलपीए 1951 और 2000 के बीच औसत वर्षा है, जो 89 सेंटीमीटर है।

2019 में, मानसून LPA 93% (+ 5%) होगा, क्योंकि जून से सितंबर तक की बारिश सामान्य से कम होगी। सूखे का खतरा 15 फीसदी है, जबकि अत्यधिक बारिश की संभावना नहीं है। स्काईमेट के प्रबंध निदेशक जतिन सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि प्रशांत महासागर के औसत से अधिक गर्म हो गया है। इसलिए, अलनीनो के प्रभाव की 80 फीसद आशंका है।

अच्छा मानसून क्या है?
सामान्य, औसत या अच्छे मॉनसून का मतलब है कि 50 साल की औसत लंबाई लगभग 96 से 104 प्रतिशत बारिश है। 50 साल में औसत बारिश चार महीनों के मानसून के दौरान 89 सेंटीमीटर अथवा 35 इंच बारिश है। अच्छे मानसून की यह परिभाषा मौसम विभाग ने दी है। वहीं 90 फीसद से कम बारिश से देश में सूखे की स्थिति रहती है।

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