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जी हाँ, सही सुना आपने अब ये आसान है आप सबके लिए सुनने में आया है की देश की केंद्र सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम के तहत खेती-किसानी के लिए 12 करोड़ किसानों को सालाना 6000 रुपये की सहायता दे रही है. साथ ही किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के जरिए लोन लेने की प्रक्रिया को भी अब पहले से आसान कर दिया है. किसान भाई अगर समय से पैसा जमा कर सकते हैं तो इसके जरिए लोन लेकर अपनी खेती से अच्छी कमाई कर सकते हैं. खास बात ये है कि इसके तहत 3 लाख रुपये तक का कर्ज सिर्फ 7 फीसदी ब्याज पर मिलता है. लोन की राशि समय पर पैसा लौटा देते हैं तो 3 फीसदी की छूट मिलती है. इस प्रकार हमारे ईमानदार किसानों को 4 (चार) प्रतिशत ब्याज पर ही पैसा मिल रहा है. जो साहूकारों के चंगुल में फंसने से कहीं अच्छा है.
कुछ समय पहले लोकसभा सदन में दिखाई और पेश की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के हर किसान पर औसतन 47000 रुपये का कर्ज है. जिसमें साहूकारों से इतना कर्ज लिया गया है कि यह प्रति किसान 12,130 रुपये औसत आता है. महंगे ब्याज पर साहूकारों से कर्ज लेकर वे ऐसे दुष्चक्र में फंस जाते हैं कि सबकुछ बिक जाता है और वे पैसा न लौटा पाने की स्थिति में आत्महत्या के लिए मजबूर होते हैं. भारत में बढ़ते किसानो की आत्महत्या की एक यह भी वजह सामने आई है, इन सब बातो को ध्यान में रखते हुए आपको बता दे की साहूकारों से भारी ब्याज पर कर्ज लेने की बजाय, केसीसी उनकी जिंदगी आसान कर सकता है. कर्ज लेना आसान बनाने के लिए सरकार ने साल 1998 में किसान क्रेडिट कार्ड स्कीम शुरू की थी.
देश के केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री माननीय गजेंद्र सिंह शेखावत के मुताबिक इसके तहत लोन पाने की प्रक्रिया इतनी कठिन और कठोर थी कि आज की तारीख में देश में मुश्किल से सात करोड़ किसानों के पास ही किसान क्रेडिट कार्ड है. जबकि 14 करोड़ किसान परिवार हैं यानि की प्रकिया ने इसे ५० प्रतिशत किसान वंचित है. प्रक्रिया कठिन होने की वजह से वे साहूकारों के चंगुल में फंस जाते हैं. इसलिए बैंकों से कहा गया है कि वे सिर्फ तीन डॉक्यूमेंट लें और उसी के आधार पर लोन जारी कर दें. ताकि बाकि किसानो को भी इसका लाभ मिले।
प्रक्रिया कुछ इस प्रकार है जो की आसान और सरल है, जिनकी कुछ शर्ते इस प्रकार है, पहला कि आवेदक किसान है या नहीं. इसके लिए उसका राजस्व रिकॉर्ड देखें. उसकी पहचान के लिए आधार, पैन, फोटो लें और तीसरा उसका एफीडेविड लिया जाए कि किसी बैंक में आवेदक का कर्ज तो बकाया नहीं है. सरकार ने बैंकिंग एसोसिएशन से केसीसी बनाने के काम में तेजी लाने को कहा है. सरकार की सलाह पर इंडियन बैंक एसोसिएशन ने भी एक एडवाइजरी जारी करके बैंकों से कहा था कि केसीसी बनवाने में लगने वाली फीस व चार्ज में छूट देने को कहा था क्योंकि केसीसी बनवाने के लिए 2 से 5 हजार रुपये तक का खर्च आता था।
कौन ले सकता है केसीसी
अगर आप सोच रहे है की केसीसी सिर्फ खेती-किसानी तक सीमित है, तो आप गलत है, ऐसा नहीं है। केसीसी के अंतर्गत पशुपालन और मछलीपालन भी इसके तहत 2 लाख रुपये तक का कर्ज मिल सकेगा. खेती-किसानी, मछलीपालन और पशुपालन से जुड़ा कोई भी व्यक्ति, भले ही वो किसी और की जमीन पर खेती करता हो, इसका लाभ ले सकता है. न्यूनतम उम्र 18 साल और अधिकतम 75 साल होनी चाहिए. किसान की उम्र 60 साल से अधिक है तो एक को-अप्लीकेंट भी लगेगा. जिसकी उम्र 60 से कम हो. किसान के फॉर्म भरने के बाद बैंक कर्मचारी देखेगा कि आप इसके लिए योग्य हैं या नहीं !
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