खरीफ मौसम के आगमन की तैयारी है, देश में लगभग हर क्षेत्र में रबी मौसम की फसलों की कटाई का कार्य पूरा हो चूका है, साथ ही किसानों में अनाज को भंडार गृह और पशु चारे को सुरक्षित जगह पर भंडारित कर लिया हैं। तो अब समय आ गया है किसान आने वाले खरीफ फसलों की बुवाई और खेत तैयारी के कार्यो में लग जाये। अब उन्हें खरीफ मौसम की फसलों की बुवाई के लिए तैयारी करनी है, कई इलाकों में अच्छी बारिश होने के बाद से इस दिशा में काम शुरू भी हो गया है। ऐसे में हम किसानों को बताने जा रहे हैं, कि खरीफ फसलों की बुवाई से पहले किन बातों पर ध्यान देने की जरूरत है। अगर सही समय पर खेत की तैयारी और खेती, बीज से जुड़े कार्य हो जाते है तो काम आसान हो जाता है और फसल भी अच्छी होती है।
किसान को रबी फसल कटाई के बाद कुछ समय मिल जाता है जिससे की वह खरीफ फसलों की बुवाई के लिए आवश्यक कार्य कर सकें। इसके ही ठीक विपरीत खरीफ फसलों की कटाई और रबी फसलों की बुवाई के समय किसानों के पास बिल्कुल ही समय नहीं मिल पाता जिससे की वह खेत की तैयारी और कृषि से सम्बंधित कुछ योजनाएं बना सकें। जिसके कारण उस समय किसानों को अधिक मेहनत करना पड़ती हैं।
खरीफ फसल की बुवाई से पूर्व के कार्य
- रबी फसलें जैसे - गेहूं, सरसों, मसूर, लहसुन, रबी प्याज, चना, जौ, जीरा, मैथी, मटर आदि फसलों की कटाई के बाद उनके अवशेषों को खेत से बाहर निकाल देना चाहिए।
- मशीन से काटे गए गेहूं के खेत में रोटावेटर से कराएं जुताई।
- गेहूं के अवशेषों को खेत में जलाये नहीं उस पर पूसा डिकम्पोज़र के कैप्सूल का छिड़काव कर उन्हें खाद बना दें।
- अगर किसानों को ग्रीष्मकालीन उड़द और मूंग की बुवाई करनी है तो इस महीने तक उसे संपन्न कर लें। इससे खरीफ फसलों की बुवाई का काम भी समय से हो सकेगा। इसमें देरी का असर आपकी अगल फसल की तैयारी के साथ दलहन के पैदावार पर भी पड़ेगा।
- रबी फसल कटाई के बाद गर्मी के दिनों खेत में पलेवा से जुताई करें। फिर कुछ दिनों तक खेत को पलेवा कर छोड़ दे, और मानसून से पहले एक-दो अच्छी गहरी जुताई करना चाहिए।
- अरहर और कपास की बुवाई से पहले खेत की जुताई का काम पूरा कर लें। उन्नत किस्म की बीजों की खरीद जैसे कार्य भी समय पर निपटा लें।
- धान की नर्सरी के लिए तैयार कर लें खेत।
- अंतिम जुताई के समय खेत में अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद और कंपोस्ट की खाद डालकर मिट्टी में अच्छी तरह मिला दें। ध्यान रहे गोबर की खाद पूरी विघटित (सड़ी हुई) होनी चाहिए।
- धान की कटाई के बाद कुछ खेतों में किसान बीना जुताई के ही सरसों, मटर, मसूर और तीसी की फसल बो देते हैं।अब इन फसलों की कटाई हो चुकी है लेकिन खेत उबड़-खाबड़ है तो ऐसे खेतों में समतलीकरण का कार्य कर लें, जिससे खेत में कम पानी की जरूरत हो और अच्छी फसल मिल सके।
- जून में बोई जाने वाली फसलों के लिए खेत की जुताई करा दें। दोबारा जुताई कराने से पहले गोबर की खाद या कंपोस्ट की खाद खेत में डालकर मिट्टी में मिला दें।इससे उर्वरक शक्ति बढ़ेगी और फसल की बढ़वार व पैदावार अच्छी होगी।
- खरीफ फसल की बुवाई से पहले अच्छी पैदावार देने वाली फसल का चयन करें।
- खेत, जलवायु और मिट्टी के अनुकूल फसल और उन्नत किस्मों का उचित चुनाव करना चाहिए।
- सोयाबीन फसल की बुवाई से पूर्व उन्नत किस्म और बीज की अंकुरण क्षमता के आधार पर बीज की बुवाई के लिए उपयोग में लाये।
- खरीफ फसलों की बुवाई से पहले खेत की अच्छी तरह से तैयारी और उन्नत किस्म के बीजों का चयन करके, आने वाली फसलों से अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। ध्यान रहे खेत तैयारी के समय उचित जल निकास की व्यवस्था करना न भूले।
ध्यान रहे कोरोना महामारी का समय चल रहा है तो बाजार आते-जाते वक्त पूरी सावधानी रखें। मास्क का प्रयोग करें, 2 गज की दुरी बनाये रखें। और अपनी सेहत का ध्यान रखें।
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