सोयाबीन की फसल पर कीटों और रोगों का प्रकोप: नुकसान से बचने के लिए करें इन कीटनाशकों का छिड़काव
सोयाबीन की फसल पर कीटों और रोगों का प्रकोप: नुकसान से बचने के लिए करें इन कीटनाशकों का छिड़काव
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पिछले सप्ताह सोयाबीन की खेती वाले कई इलाकों में लगातार बारिश की खबरें आई हैं। पिछले सप्ताह से मध्य प्रदेश के कुछ जिलों (रतलाम, उज्जैन) में चने की इल्ली का प्रकोप देखा गया है। इस संदर्भ में सोयाबीन की फसल पर हमला करने वाले संभावित कीटों को नियंत्रित करने के लिए हाल ही में केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड द्वारा सोयाबीन की फसल के लिए अनुशंसित कीटनाशकों की सूची में शामिल किसी भी एक कीटनाशक का छिड़काव करें।

1. सोयाबीन फसल में चने की इल्ली का नियंत्रण

  • चने की इल्ली के नियंत्रण हेतु सोयाबीन की फसल पर इंडोक्साकार्ब 15.80% EC (333 मिली/हे.) का छिडकाव करें।
  • इसके लिये वैकल्पिक कीटनाशक हैं, इमामेक्टिन बेंजोएट 01.90 (425 मि.ली./हे), या ब्रोफ्लानिलाइड 300 g/l एस.सी. (42-62 ग्राम/हे), या फ्लूबेंडियामाइड 39.35 एस.सी (150मि.ली.) या नोवाल्युरोन इन्डोक्साकार्ब एस. सी. (875-825मि.ली/.हे)
2. सोयाबीन फसल में बिहार हेयरी कैटरपिलर का नियंत्रण


यदि आपकी फसल में बिहार हेयरी कैटरपिलर का प्रकोप है, इसके नियंत्रण हेतु फ्लूवेंडियामाइड 39.35एस.सी (150 मि.ली.) या इमामेक्टिन बेंजोएट 01.90 (425 मि.ली./हे), या ब्रोफ्लानिलाइड 300 g/l एस.सी. (42-62 ग्राम/हे), या स्पायनेटोरम 11.7 एस.सी (450 मिली/हे) का छिडकाव करें।

3. सोयाबीन फसल में में चक्र भृंग (गिर्डल बीटल) का नियंत्रण


चक्र भृंग के लक्षण दिखाई देने पर प्रारंभिक अवस्था में ही इसके नियंत्रण हेतु थायक्लोप्रिड 21.7 एस.सी. (750 मिली/हे) या इमामेक्टीन वेन्जोएट (425 मिली/है) या आइसोसायक्लोसरम 9.2% W/W Dc (10% W/V) DC (600 मिली/हे) या कार्टाप हाइड्रो क्लोराइड 04%+ फिप्रोनिल CG % 00.50 (200 मिली/हे) या एसिटेमीप्रीड 25%+वायफेंथ्रिन 25%WG (250ग्रा./हे) या टेट्रानिलिप्रोल 18.18 एस.सी. (250-300 मिली/हे) या प्रोफेनोफॉस 50 ई.सी (1 ली/.है) या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 एस.सी 18.50% SC (150 मिली/हे) का छिड़काव करें। यह भी सलाह दी जाती है कि इसके फैलाव की रोकथाम हेतु प्रारंभिक अवस्था में ही पौधे के ग्रसित भाग को तोड़कर नष्ट कर दें.

4. सोयाबीन फसल में तना मक्खी का नियंत्रण


यदि आपकी फसल में तना मक्खी का प्रकोप है, इसके नियंत्रण हेतु थायोमिथोक्सम लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन (125मिली/हे) या बीटासायफ्लुग्रिन+इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली/हे) या एसिटेमीप्रीड 25%+बायफेंथ्रिन 25%WG (250 ग्रा./हे) का छिडकाव करें.

5. सोयाबीन फसल में सेमीलूपर इल्ली का नियंत्रण


सेमीलूपर इल्ली के नियंत्रण के लिए निम्न में से किसी भी एक रसायन का छिडकाव करें : क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 एस.सी, (150 मि.ली./हे) या इमामेक्टिन बेंजोएट 01.90 (425 मि.ली./हे), या ब्रोफ्लानिलाइड 300 g/l एस.सी. (42-62 ग्राम/हे), या फ्लूवेंडियामाइड 20 डब्ल्यू.जी (250-300 ग्राम/हे) या फ्लूवेंडियामाइड 39.35एस.सी (150 मि.ली.) या एसिटेमीप्रीड 25%+बायफेंथ्रिन 25% WG (250 ग्रा./हे) या इंडोक्साकार्ब 15.8 एस.सी (333 मि.ली/हे), या लैम्बडा सायहेलोथ्रिन 04.90 सी. एस. (300 मिली/हे) या प्रोफेनोफॉस 50ई.सी. (1 ली/हे) या टेट्रानिलिप्रोल 18.18 एस.सी., (250-300 मिली/हे) या पूर्वमिश्रित बीटासायफ्लुथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली/ है) या नोवाल्युरोन इन्डोक्साकार्ब 04.50% एस. सी. (825-875 मिली/हे) या पूर्वमिश्रित थायमिथोक्सम लैम्बडा सायहेलोथ्रिन (125 मिली/ है) या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 09.30% + लैम्बडा सायहेलोथ्रिन 04.60% ZC, (200 मिली/हे) का छिडकाव करें.

6. सोयाबीन फसल में तम्बाकू की इल्ली का नियंत्रण


तम्बाकू की इल्ली में के नियंत्रण हेतु निम्न में से किसी भी एक रसायन का छिडकाव करें :
इमामेक्टिन बेंजोएट 01.90 (425 मि.ली./हे), ब्रोफ्लानिलाइड 300 g/l एस.सी. (42-62 ग्राम/हे), या एसिटेमीप्रीड 25% + बायफेंथ्रिन 25% WG (250 ग्रा./हे) या फ्लूवेंडियामाइड 20 डब्ल्यू.जी (250-300 ग्राम/हे) या फ्लूवेंडियामाइड 39.35एस.सी (150 मि.ली.) या इंडोक्साकार्ब 15.8एससी (333 मि.ली/हे), या टेट्रानिलिप्रोल 18.18 एस.सी., (250- 300 मिली/हे) या स्पायनेटोरम 11.7 एस.सी (450 मिली/हे) या नोवाल्युरोन + इन्डोक्साकार्य 04.50% एस. सी. (825-875 मिली/हे) का छिडकाव करें.

7. सोयाबीन फसल में सेमीलूपर, चने की इल्ली और तम्बाकू की इल्ली का नियंत्रण


आपकी फसल में सेमीलूपर या चने की इल्ली या तम्बाकू की इल्ली में से कोई एक या एक साथ तीनो पाए जाने पर नियंत्रण के लिए निम्न में से किसी भी एक रसायन का छिडकाव करें :
ब्रोफ्लानिलाइड 300 g/l एस.सी. (42-62 ग्राम/हे), या फ्लूवेंडियामाइड 39.35एस.सी (150 मि.ली.) या इंडोक्साकार्य 15.8 एस सी (333 मि.ली/हे), या नोवाल्युरोन + इन्डोक्साकार्ब 04.50% एस. सी. (825-875 मिली/हे) का छिडकाव करें.

8.  सोयाबीन फसल में सेमीलूपर/तम्बाकू/चने की इल्ली तथा रस चूसने वाले कीट का नियंत्रण


पत्ती खाने वाली इल्लियों (सेमीलूपर/तम्बाकू/चने की इल्ली) तथा रस चूसने वाले कीट जैसे सफ़ेद मक्खी/जसीड एवं तना छेदक कीट (तना मक्खी/चक्र भृंग) के एक साथ नियंत्रण हेतु पूर्व मिश्रित कीटनाशक जैसे थायोमिथोक्सम 12.60% + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 09.50% जेड.सी. (125 मिली./हे.) या बीटासायफ्लुथ्रिन+इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली./हे.) या एसिटेमीप्रीड 25%+वायफेंथ्रिन 25% WG (250 ग्रा./हे) या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 09.30 + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 09.50% जेड.सी. (200 मिली./हे.) का छिडकाव करें.

9. सोयाबीन फसल में पीला मोज़ेक/सोयाबीन मोज़ेक रोग का नियंत्रण


पीला मोज़ेक/सोयाबीन मोज़ेक रोग के लक्षण दिखने पर प्रारंभिक अवस्था में ही रोगग्रस्त पौधों को खेत से उखाड़कर निष्कासित करें तथा इन रोगों को फैलाने वाले वाहक सफ़ेद मक्ख/एफिड की रोकथाम हेतु एसिटेमीप्रीड 25%+वायफेंथ्रिन 25% WG (250ग्रा./हे) का छिडकाव करें. इसके स्थान पर पूर्वमिश्रित कीटनाशक थायोमिथोक्सम + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन (125मिली/हे) या बीटासायफ्लुथ्रिन+इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली/हे) का भी छिडकाव किया जा सकता हैं.
इनके छिड़काव से तना मक्खी का भी नियंत्रण किया जा सकता है. यह भी सलाह है कि सफ़ेद मक्खी के नियंत्रण हेतु कृषकगणअपने खेत में विभिन्न स्थानों पर पीला स्टिकी ट्रैप लगाएं.

10. सोयाबीन फसल में एन्थ्राक्क्रोज रोग का नियंत्रण


लगातार बारिश होने वाले क्षेत्रों में एन्थ्राक्क्रोज रोग की सम्भावना अधिक होती हैं. अतः इसके प्रारंभिक लक्षण देखे जाने पर कृषकों को सलाह हैं कि इसके नियंत्रण हेतु शीघ्रातिशीघ्र टेबूकोनाजोल 25.9 ई.सी. (625 मिली/हे) या टेबूकोनाजोल 38.39 एस.सी. (625 मिली/हे) या टेबूकोनाजोल 10% + सल्फर 65% WG (1.25 किग्रा./हे) या कार्बेन्डाजिम 12% + मेन्कोजेब 63% डब्ल्यू.पी. (1.25 किग्रा/हे) से फसल पर छिडकाव करें।

11. सोयाबीन फसल में रायजोक्टोनिया एरिअल ब्लाइट रोग का नियंत्रण


रायजोक्टोनिया एरिअल ब्लाइट रोग के लक्षण दिखाई देने पर सलाह हैं कि नियंत्रण हेतु अनुशंसित फफूंदनाशक पायरोक्लोस्ट्रोबीन 20% WG (375-500 ग्रा/हे) फफूंदनाशकों का अपने फसल पर छिडकाव करें।